"*सुधन्वा*" (गीति नाट्य) -- डॉ. एस पॉल ।
(प्रस्तुत गीति-नाट्य में 12 पात्र 12 आयामों का प्रकटीकरण है, यथा:- कालचक्र, अश्वमेध-यज्ञ, अश्व, महाभारत, काल, चम्पकपुरी, राजा हंसध्वज, शंख-लिखित, अवतार, भारतवर्ष, कृष्णार्जुन और सुधन्वा । ध्यातव्य है, 'सुधन्वा' ऐतिहासिक नायक थे । )
कालचक्र
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दिन, सप्ताह, मास, वर्ष तो प्रथम सभ्यता प्रतीक है ,
यूरेशिया या रोम-रोम अपभ्रंश , भारतवर्ष से दिक् है ।
चैत्र जहाँ मार्च माह, सम्राट मार्स वा मार्च थे युद्ध-देवता ,
अप्रैल है वैशाख अमोनिया-एपरिट , है प्राक् शुद्ध देवता ।
हिंदी - अँग्रेजी की साम्यता में, विक्रमी ईस्वी सन् है ,
एटलस-तनुजा-रूप मई है जेठ, तो मैया की तन - मन है ।
जून गर्मी आषाढ़ ईर्ष्या , जूनो ज़ुपिटर की पत्नी थी ,
हिज़री क्या ? मुहम्मद की मक्का से मदीना भी मणि थी ।
सावन-सुहावना जुलाई माह, जुलियस सीज़र के नाम पर ,
शेक्सपियर-अभिज्ञान शाकुन्तलम् या बच्चन के काम पर ।
अगस्त आगस्ट्स भादो, कुंआर सेप्टेम्बर सप्तमवर था,
अष्टमवर कार्तिक अक्टूबर, अगहन नाम नवमवर था ।
दशम् पूस दशमवर भाई, माघ जेनस बेन जनवरी थी ,
मासांत भोज फेबुआ कारण,फागुन बहन की फ़रवरी थी ।
क्रमशः ...
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