समय के साथ यादें भी बिसरती चली जाती है और गुमनामी के अँधेरे में ग़ुम होते चले जाते हैं ! इसी भाँति स्वतंत्रता-सेनानियों, देशभक्तों को लोग भूलते चले जा रहे हैं,पर जीवित किंवदंती श्रीमान् सुभाष चंद्र बोस ऐसे टैलेंटेड क्रन्तिकारी रहे हैं, जो अब भी भारतीय जनमानस में गहरी पैठ जमा बैठे हैं , क्योंकि क्रांतिकारी कभी मरते नहीं हैं और वैसे भी वे 'बोस' तो रहे ही, सच्चे अर्थों में नेताजी कहलाये । भारतीय ज़िन्दजियों के बोस के बारे में यह कहावत चरितार्थ हो सकती हैं कि BOSE IS ALWAYS RIGHT ! आज मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट लेकर आई है , सुन्दर कवयित्री प्रियंका राय ॐनंदिनी की कविता 'हाँ ! मैं सुभाष हूँ ' --- हाँ , वही सुभाष जिनकी आज जयंती है, वही सुभाष जिन्होंने 1937 में 'लिव इन रिलेशनशिप' में रहा और भारतीय जनता को 1993 में ही पता चला , क्योंकि उनकी दुल्हन तो 'स्वतंत्रता' थी ! किन्तु जिसतरह से गुमनामी बाबा को देखकर नेताजी सुभाष होने के कयास बुने जाने लगे, उस अद्भुत सुभाष पर आज एक रहस्य कविता पढ़ते हैं । आइये. हम भी लुत्फ़ उठाये :-
तुम्हारी चेतना तुम्हारा विश्वास हूँ
हाँ मैं सुभाष हूँ , हाँ मैं सुभाष हूँ
तुमसे दूर होकर भी तुम्हारे पास हूँ
हाँ मैं सुभाष हूँ , हाँ मैं सुभाष हूँ ।
माँ भारती की चरणधूल मैं
तिरंगे में लिपटा हुआ फूल मैं
युवाओं का वेग , मैं संतो का संन्यास हूँ
हाँ मैं सुभाष हूँ , हाँ मैं सुभाष हूँ ।
ना हीं मैं मरा हूँ,ना हीं मैं मरूँगा
तुम्हारे लहू में मैं मिलकर लड़ूंगा
मैं धरती का धैर्य बुलंदियों का आकाश हूँ
हाँ मैं सुभाष हूँ , हाँ मैं सुभाष हूँ ।
मैं कितना अकेला यहाँ हो गया
दबी फाइलों में कहीं खो गया
धन्यवाद मेरे बच्चों,तुम्हें आज भी आभास हूँ
हाँ मैं सुभाष हूँ , हाँ मैं सुभाष हूँ ।
'हाँ, मैं सुभाष हूँ'
हाँ मैं सुभाष हूँ , हाँ मैं सुभाष हूँ
तुमसे दूर होकर भी तुम्हारे पास हूँ
हाँ मैं सुभाष हूँ , हाँ मैं सुभाष हूँ ।
माँ भारती की चरणधूल मैं
तिरंगे में लिपटा हुआ फूल मैं
युवाओं का वेग , मैं संतो का संन्यास हूँ
हाँ मैं सुभाष हूँ , हाँ मैं सुभाष हूँ ।
ना हीं मैं मरा हूँ,ना हीं मैं मरूँगा
तुम्हारे लहू में मैं मिलकर लड़ूंगा
मैं धरती का धैर्य बुलंदियों का आकाश हूँ
हाँ मैं सुभाष हूँ , हाँ मैं सुभाष हूँ ।
मैं कितना अकेला यहाँ हो गया
दबी फाइलों में कहीं खो गया
धन्यवाद मेरे बच्चों,तुम्हें आज भी आभास हूँ
हाँ मैं सुभाष हूँ , हाँ मैं सुभाष हूँ ।
नमस्कार दोस्तों !
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बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteप्रियंका बधाई तुम्हे
जय हिंद