दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' ने वादानुसार 'इनबॉक्स इंटरव्यू' की तीसरी कड़ी लेकर आये हैं । तारीख 26 जनवरी को भारतवर्ष अपना 68 वां गणतंत्र दिवस मनाने को अतिशयातुर है, 25 जनवरी को जहां युवा जागरूकता लिए मतदाता दिवस है, 24 जनवरी को भारत के जननायक और बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे व शोषितों-वंचितों के आराध्यनरदेव कर्पूरी ठाकुर की जन्म-जयंती रही, 23 जनवरी को रायबहादुरीसंतान और अफसरी ज़िन्दगी के सुख-चैनों को छोड़ परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ते नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म- जयंती रही । वहीं बिहार ने 21 जनवरी को शराबबंदी के समर्थन में 4 करोड़ लोगों के हुज़ूम को 11,500 कि.मी. राह पर 'मानव-श्रृंखला' बनाकर विश्व-इतिहास रचा, तो इसी दिन गुजरात में भी देश का 'राष्ट्रगान' लगभग 4 लाख लोगों ने गाकर विश्व-इतिहास रचा .... । आप कहेंगे कि 'मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' ने अवरोही क्रम में 26 जनवरी से 21 जनवरी तक की श्रृंखलिक-गणना में 22 जनवरी की ऐतिहासिकता को क्योंकर छोड़ दिया, तो इस सम्बन्ध में कहना है कि गणतंत्र दिवस की शुभकामना के साथ 'मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' ने तंत्र के गण के रूप में पहली वर्षगाँठ 22 जनवरी को मना चुके ग्वालियर (म.प्र.) के "इम्पैक्ट फाउंडेशन" को लेकर आये हैं । कभी भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी और राजमाता विजया राजे सिंधिया के प्रसिद्धि स्थल रहे ग्वालियर में 7 मित्रों ने सप्तऋषि तारों की प्रबल एकता और निष्ठा का परिचय देते हुए 22 जनवरी 2016 को "इम्पैक्ट फाउंडेशन" का गठन किया था । इन मित्रों की मंडली में सूत्रधार व समाजसेवी श्री विकास चतुर्वेदी से "मैसेंजर ऑफ़ आर्ट" रु-ब-रु हुए । इन्होंने इस 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में 14 गझिन सवालों के सुलझे और चतुराई से जवाब दिए । यह बता दूँ कि "इम्पैक्ट फाउंडेशन" स्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण, सामाजिक-जागरूकता इत्यादि क्षेत्रों व विषयों पर गहनतापूर्वक और बड़ी बारीकी से कार्य कर रहे हैं । आइये, 'इनबॉक्स इंटरव्यू' की तीसरी कड़ी में हम पढ़ते हैं तंत्र के इस गण की ख़ास- बातचीत आपके खासमखास 'Messenger of Art' के मार्फ़त, पढ़िए:-
स्वास्थ से सम्बंधित हम रूरल बस्तियों में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिबिर का आयोजन करते हैं, जिसमे नि:शुल्क परामर्श , नि:शुल्क दवाएं , नि:शुल्क जांचे की जाती है । नि:शुल्क योग शिविर का भी आयोजन किया जाता है । दतिया में हमने संभाग का पहला नि:शुल्क ब्लड कॉल सेंटर खोला, जिसमें हम जरूरतमंद और असहाय लोगों को नि:शुल्क ब्लड डोनेट करते हैं । दतिया से ही सड़क पर घूम रहे दयनीय स्थिति में 5 मानसिक रोगियों को गवलियर मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती करवाया । स्वच्छता संबंधी हम जगह जगह साफ़ सफाई के कार्यक्रमो का आयोजन करते हैं । पर्यावरण संबंधी वृक्षारोपण भी समय-समय पर करते हैं। ड्राइंग के माध्यम से भी बच्चों में पर्यावरण संबंधी जागरूकता फैलाते हैं ।
उ:- हमारा जो कार्यक्षेत्र है, उससे समाज के सभी लोग लाभान्वित होते हैं, जैसे कि आज किसी भी डॉ0 के पास इलाज कराने का मतलब न्यूनतम 500 रु खर्चा । जो लोग असक्षम हैं, उन्हें हम यह नि:शुल्क सुविधा (नि:शुल्क परामर्श , नि:शुल्क जांच , नि:शुल्क दवा ) देते हैं और हर प्रकार से लाभान्वित करते हैं । जब किसी व्यक्ति को किसी ब्लड ग्रुप की जरुरत पड़ती है और वो उस ग्रुप का अरेंजमेंट उस वक़्त नही कर पाता है, तब हम उसके लिए वो ब्लड ग्रुप निशुल्क अरेंजमेंट करते हैं । इस कार्य को देखकर लोग इंस्पायर होते हैं और वो भी दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं ।जब लोगों के द्वारा फैलाई गयी गंदगियों को हम साफ़ करते हैं, तो उसे देखकर लोग इंस्पायर होते हैं और साथ देने शुरू कर देते हैं । जब हम किसी मानसिक रोगी को , जिसको देखकर लोग दूर से निकल जाते हैं, उसकी स्थिति सुधार कर उसे हॉस्पिटल भेजते हैं, तो लोग इंस्पायर होते हैं, उनमें भी लोगों की मदद करने की इंसानियत जागती है ।
हम सभी अपने-अपने निजी जीवन में भी व्यस्त रहते हैं, जैसे- नौकरी , बिजनेस , घर परिवार । तो हम सभी कई बार नियमित समय नही दे पाते हैं । हम जो भी कार्यक्रम या स्वास्थ्य कैंप लगाते हैं, उनमें जो इन्वेस्ट होता है वो हम सभी मिलकर करते हैं । बड़े स्तर के कैम्प या कार्यक्रम करने के लिए ज्यादा इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता पड़ती है ।
'मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' ने वादानुसार 'इनबॉक्स इंटरव्यू' की तीसरी कड़ी लेकर आये हैं । तारीख 26 जनवरी को भारतवर्ष अपना 68 वां गणतंत्र दिवस मनाने को अतिशयातुर है, 25 जनवरी को जहां युवा जागरूकता लिए मतदाता दिवस है, 24 जनवरी को भारत के जननायक और बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे व शोषितों-वंचितों के आराध्यनरदेव कर्पूरी ठाकुर की जन्म-जयंती रही, 23 जनवरी को रायबहादुरीसंतान और अफसरी ज़िन्दगी के सुख-चैनों को छोड़ परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ते नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म- जयंती रही । वहीं बिहार ने 21 जनवरी को शराबबंदी के समर्थन में 4 करोड़ लोगों के हुज़ूम को 11,500 कि.मी. राह पर 'मानव-श्रृंखला' बनाकर विश्व-इतिहास रचा, तो इसी दिन गुजरात में भी देश का 'राष्ट्रगान' लगभग 4 लाख लोगों ने गाकर विश्व-इतिहास रचा .... । आप कहेंगे कि 'मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' ने अवरोही क्रम में 26 जनवरी से 21 जनवरी तक की श्रृंखलिक-गणना में 22 जनवरी की ऐतिहासिकता को क्योंकर छोड़ दिया, तो इस सम्बन्ध में कहना है कि गणतंत्र दिवस की शुभकामना के साथ 'मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' ने तंत्र के गण के रूप में पहली वर्षगाँठ 22 जनवरी को मना चुके ग्वालियर (म.प्र.) के "इम्पैक्ट फाउंडेशन" को लेकर आये हैं । कभी भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी और राजमाता विजया राजे सिंधिया के प्रसिद्धि स्थल रहे ग्वालियर में 7 मित्रों ने सप्तऋषि तारों की प्रबल एकता और निष्ठा का परिचय देते हुए 22 जनवरी 2016 को "इम्पैक्ट फाउंडेशन" का गठन किया था । इन मित्रों की मंडली में सूत्रधार व समाजसेवी श्री विकास चतुर्वेदी से "मैसेंजर ऑफ़ आर्ट" रु-ब-रु हुए । इन्होंने इस 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में 14 गझिन सवालों के सुलझे और चतुराई से जवाब दिए । यह बता दूँ कि "इम्पैक्ट फाउंडेशन" स्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण, सामाजिक-जागरूकता इत्यादि क्षेत्रों व विषयों पर गहनतापूर्वक और बड़ी बारीकी से कार्य कर रहे हैं । आइये, 'इनबॉक्स इंटरव्यू' की तीसरी कड़ी में हम पढ़ते हैं तंत्र के इस गण की ख़ास- बातचीत आपके खासमखास 'Messenger of Art' के मार्फ़त, पढ़िए:-
प्र.(1.)आपके कार्यों को इंटरनेट के माध्यम से जाना । इन कार्यों अथवा कार्यक्षेत्र के आईडिया-संबंधी 'ड्राफ्ट' को सुस्पष्ट कीजिये ?
उ:-" इम्पैक्ट फाउंडेशन " नाम कुछ विशेष सोच समझ कर नही रखा , बस ये चाहते थे की जो भी काम करे उसकी छाप (इम्पैक्ट )समाज पर अच्छे रूप में रहे । हम सात मित्रों ने इसकी शुरुआत ग्वालियर से की । हम सभी मित्रों ने अपना कैरियर फार्मा सेक्टर से शुरू किया था उस दौरान कई लोगों को देखा , जो इलाज कराने में असमर्थ है इस महंगे होते हुए इलाज को देखते हुए हमें इस क्षेत्र में काम करने की प्रेरणा मिली । 'इम्पैक्ट फाउंडेशन' स्वास्थ्य , स्वच्छता और पर्यावरण संबंधी कैंप और जागरूकता क्षेत्र में कार्य करता है ।
स्वास्थ से सम्बंधित हम रूरल बस्तियों में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिबिर का आयोजन करते हैं, जिसमे नि:शुल्क परामर्श , नि:शुल्क दवाएं , नि:शुल्क जांचे की जाती है । नि:शुल्क योग शिविर का भी आयोजन किया जाता है । दतिया में हमने संभाग का पहला नि:शुल्क ब्लड कॉल सेंटर खोला, जिसमें हम जरूरतमंद और असहाय लोगों को नि:शुल्क ब्लड डोनेट करते हैं । दतिया से ही सड़क पर घूम रहे दयनीय स्थिति में 5 मानसिक रोगियों को गवलियर मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती करवाया । स्वच्छता संबंधी हम जगह जगह साफ़ सफाई के कार्यक्रमो का आयोजन करते हैं । पर्यावरण संबंधी वृक्षारोपण भी समय-समय पर करते हैं। ड्राइंग के माध्यम से भी बच्चों में पर्यावरण संबंधी जागरूकता फैलाते हैं ।
प्र.(2.)आप किसतरह के पृष्ठभूमि से आये हैं ? बतायें कि यह आपके इन उपलब्धियों तक लाने में किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उ:- हम सभी मध्य प्रदेश राज्य से ही हैं । मैं मध्य प्रदेश के दतिया शहर से हूँ । हम सभी एक मध्यमवर्गीय परिवार और समाज से हैं । सामाजिक स्तर पर हमें सभी ने सपोर्ट किया है ।ख़ास तौर पर हम उन डॉक्टर साहब का धन्यवाद करना चाहेंगे जो अपने व्यस्त दिनचर्या में समय निकाल कर कहीं भी और कभी भी उपस्थित रहने के लिए तैयार रहते आये हैं और समाज सेवा का भाव रखते हुए गरीबो का निःशुल्क इलाज करने में सदैव तत्पर रहते हैं ।
प्र.(3.)आपका जो कार्यक्षेत्र है, इनसे आमलोग किसतरह से इंस्पायर अथवा लाभान्वित हो सकते हैं ?
उ:- हमारा जो कार्यक्षेत्र है, उससे समाज के सभी लोग लाभान्वित होते हैं, जैसे कि आज किसी भी डॉ0 के पास इलाज कराने का मतलब न्यूनतम 500 रु खर्चा । जो लोग असक्षम हैं, उन्हें हम यह नि:शुल्क सुविधा (नि:शुल्क परामर्श , नि:शुल्क जांच , नि:शुल्क दवा ) देते हैं और हर प्रकार से लाभान्वित करते हैं । जब किसी व्यक्ति को किसी ब्लड ग्रुप की जरुरत पड़ती है और वो उस ग्रुप का अरेंजमेंट उस वक़्त नही कर पाता है, तब हम उसके लिए वो ब्लड ग्रुप निशुल्क अरेंजमेंट करते हैं । इस कार्य को देखकर लोग इंस्पायर होते हैं और वो भी दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं ।जब लोगों के द्वारा फैलाई गयी गंदगियों को हम साफ़ करते हैं, तो उसे देखकर लोग इंस्पायर होते हैं और साथ देने शुरू कर देते हैं । जब हम किसी मानसिक रोगी को , जिसको देखकर लोग दूर से निकल जाते हैं, उसकी स्थिति सुधार कर उसे हॉस्पिटल भेजते हैं, तो लोग इंस्पायर होते हैं, उनमें भी लोगों की मदद करने की इंसानियत जागती है ।
प्र.(4.)आपके कार्य में आये जिन रूकावटों,बाधाओं या परेशानियों से आप या संगठन रू-ब-रू हुए, उनमें से दो उद्धरण दें ?
उ:- "समय और पैसा " कभी-कभी हमारे कार्य करने की गति को धीमा कर देता है ।हम सभी अपने-अपने निजी जीवन में भी व्यस्त रहते हैं, जैसे- नौकरी , बिजनेस , घर परिवार । तो हम सभी कई बार नियमित समय नही दे पाते हैं । हम जो भी कार्यक्रम या स्वास्थ्य कैंप लगाते हैं, उनमें जो इन्वेस्ट होता है वो हम सभी मिलकर करते हैं । बड़े स्तर के कैम्प या कार्यक्रम करने के लिए ज्यादा इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता पड़ती है ।
प्र.(5.)अपने कार्य क्षेत्र के लिए क्या आपको आर्थिक दिक्कतों से दो-चार होना पड़ा अथवा आर्थिक दिग्भ्रमित के तो शिकार न हुए ? अगर हाँ, तो इनसे पार कैसे पाये ?
उ:- आपके इस प्रश्न का जवाब मैं अभी दे चुका हूं । आर्थिक स्थिति के तौर पर हम छोटे-छोटे कैंप या कार्यक्रम कर लेते हैं । यदि आर्थिक सहयोग मिला तो हम बड़े स्तर पर कैंप और कार्यक्रम करके ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर सकेंगे ।
प्र.(6.)आपने यही क्षेत्र क्यों चुना ? आपके पारिवारिक सदस्य क्या इस कार्य से संतुष्ट थे या उनसबों ने राहें अलग पकड़ ली !
उ:- हम सभी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में फार्मा सेक्टर से ही अपने कैरियर की शुरुआत किये हैं । इसीलिए हम सभी ने मिलकर इसी क्षेत्र में लोगों की मदद करने का प्रयास कर रहे हैं । हम सभी के पारिवारिक सदस्य हमारे द्वारा किये जा रहे इन सामाजिक कार्यों से बहुत खुश हैं और सभी हमें इन कार्यों के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं ।
प्र.(7.)आपके इस विस्तृत-फलकीय कार्य के सहयोगी कौन-कौन हैं ? यह सभी सम्बन्ध से हैं या इतर हैं !
उ:- हमारे " इम्पैक्ट फाउंडेशन " की नींव हम '7' मित्रों ने रखीं , यथा:-
*विकास चतुर्वेदी (मैं)
*गौरव भार्गव
*सुमित उपाध्याय
*निर्भीक द्विवेदी
*देवेंद्र प्रजापति
*यशपाल सिंह परिहार
*कपिल भार्गव
साथ ही हम सभी के परिवार भी शुरुआत से हमारे सहयोगी रहे हैं ।
प्र.(8.)आपके कार्य से भारतीय संस्कृति कितनी प्रभावित होती हैं ? इससे अपनी संस्कृति कितनी अक्षुण्ण रह सकती हैं अथवा संस्कृति पर चोट पहुँचाने के कोई वजह ?
उ:-भारतीय संस्कृति हमेशा हमे भाईचारा , इंसानियत और एक-दूसरे की मदद करना सिखाती हैं और हम भी वही करते हैं तथा हम समाज को एक-दूसरे की मदद करने का संदेश देते हैं ।
प्र.(9.)भ्रष्टाचारमुक्त समाज और राष्ट्र बनाने में आप और आपके कार्य कितने कारगर साबित हो सकते हैं !
उ:-मेरे हिसाब से किसी भी व्यक्ति के किसी काम को आसानी से परिपूर्ण कराने के गलत तरीकों में ही भ्रष्ट्राचार है । हम अपने कार्यों से यही सन्देश देते हैं कि आपस में लोगों की निश्वार्थ भाव से मदद कीजिये । ऐसा करने से तब ही कोई व्यक्ति भ्रस्टाचार से बच सकेंगे!प्र.(10.)इस कार्य के लिए आपको कभी आर्थिक मुरब्बे से इतर किसी प्रकार के सहयोग मिले या नहीं ? अगर हाँ, तो संक्षिप्त में बताइये ।
उ:- हमारे इस सामाजिक कार्य को लेकर सबसे ज्यादा सहयोग डॉक्टर्स बंधुओं का रहा । इसके अलावा समाज के वरिष्ठ लोगो ने भी कार्यक्रम में उपस्थित होकर हमारा उत्साहवर्द्गन किये और अद्यतन कर भी रहे हैं ।प्र.(11.)आपके कार्य क्षेत्र के कोई दोष या विसंगतियाँ, जिनसे आपको कभी धोखा, केस या मुकद्दमे की परेशानियां झेलने पड़े हों ?
उ:- हमे अपने कार्यक्षेत्र में अभी तक कोई दोष , किसी तरह का धोखा , कोई केस इस तरह का कुछ भी देखने को न ही मिला है और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि आगे भी न मिले।प्र.(12.)कोई किताब या पम्फलेट जो इस सम्बन्ध में प्रकाशित हों, तो बताएँगे ?
उ:-किताब तो कोई नही है । हां , हमारे कार्यक्रमो के कुछ पम्फलेट जरूर छपे हैं और मीडिया के मित्रों द्वारा भी हमारे कार्यक्रमों की न्यूज़ भी अखबारों में छपी है ।
प्र.(13.)इस कार्यक्षेत्र के माध्यम से आपको कौन-कौन से पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए, बताएँगे ?
उ:- इस सामाजिक कार्यक्षेत्र में 22 जनवरी को हमारे संगठन का एक वर्ष पूर्ण हुआ । इस दौरान व अभीतक हमारी टीम को किसी भी मंच या प्लेटफॉर्म या संगठन से किसी तरह का कोई सम्मान या पुरस्कार नही मिला है ।
प्र.(14.)आपके कार्य मूलतः कहाँ से संचालित हो रहे हैं तथा इसके विस्तार हेतु आप समाज और राष्ट्र को क्या सन्देश देना चाहेंगे ?
उ:- हमारे कार्य मूलतः ग्वालियर (मध्य प्रदेश ) से संचालित होते हैं । अपने कार्यो के विस्तार के लिए हम दूसरी अन्य जगहों पर भी अपने कैंप और कार्यक्रम कर रहे हैं । अभी ग्वालियर के अलावा हमने दतिया में कई कार्यक्रम किये हैं । इसके बाद अन्य शहरों और कस्बो में भी हम अपने कार्यक्रम करने वाले हैं । सनिवेदन कहना है, हर जगह लोगों को हर संभव मदद करने की हमारी कोशिश यूँ ही चलती रहेगी । धन्यवाद ।
मित्रों !
सर्वप्रथम आप सभी प्रबुद्धजनों को 68 वाँ गणतंत्र दिवस की हार्दिक और अनंत शुभकामनाएं । भारतीय होने के नाते हमारी आस्था 'संविधान' के प्रति होशकाल से ही है । 'मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' में आपने 'इनबॉक्स इंटरव्यू' पढ़ा । आपसे समीक्षा की अपेक्षा है, तथापि आप स्वयं या आपके नज़र में इसतरह के कोई भी तंत्र के गण हो, तो हम इस इंटरव्यू के आगामी कड़ी में जरूर जगह देंगे, बशर्ते वे हमारे 14 गझिन सवालों के सत्य, तथ्य और तर्कपूर्ण जवाब दे सके !
हमारा email है:- messengerofart94@gmail.com
मित्रों !
सर्वप्रथम आप सभी प्रबुद्धजनों को 68 वाँ गणतंत्र दिवस की हार्दिक और अनंत शुभकामनाएं । भारतीय होने के नाते हमारी आस्था 'संविधान' के प्रति होशकाल से ही है । 'मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' में आपने 'इनबॉक्स इंटरव्यू' पढ़ा । आपसे समीक्षा की अपेक्षा है, तथापि आप स्वयं या आपके नज़र में इसतरह के कोई भी तंत्र के गण हो, तो हम इस इंटरव्यू के आगामी कड़ी में जरूर जगह देंगे, बशर्ते वे हमारे 14 गझिन सवालों के सत्य, तथ्य और तर्कपूर्ण जवाब दे सके !
हमारा email है:- messengerofart94@gmail.com
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