"ट्रेन पर किन्नर-बंधुओं से परेशान है यात्री"
सुखद ट्रेन-यात्रा भी इस मामले में दुःखद हो जाते हैं, जब थर्ड जेंडर समुदाय के हमारे किन्नर बंधु रुपये-पैसे माँगने के चक्कर में लोक-लाज की हद को पार कर जाते हैं । पुरुष यात्रियों को निशाना बनाने के क्रम में उनके साथ चल रही महिला-सहयात्री भी उनके शर्मिन्दा-शिल्प का कोपभाजन बनती हैं । पुरुषों के प्राइवेट पार्ट को हाथों पकड़ लेना, फिर किन्नर-बंधुओं द्वारा अपने प्राइवेट पार्ट का खुलेआम प्रदर्शित करना, फिर इसपर महिला-सहयात्री द्वारा विरोध जताने पर उनके प्राइवेट पार्ट पर भी हाथ मारना तो दिनोंदिन परेशानी के सबब होते जा रहे हैं । रेलवे अधिकारियों से शिकायत करने पर भी रेल पुलिस फख्त मूकनायक बने रह जाते हैं । कभी-कभी लगता है, यह मिलीभगत तो नहीं ! पिछले दिनों एक रेल-यात्रा में मैंने भी इस सम्बन्ध में रेल मंडल के अधिकारियों को इसका शिकायत किया था । तब प्रशासन ने इसपर अमल भी किया था । परंतु इसपर पूरे देश में कड़ाई से अनुपालन होनी चाहिए ।
T.Manu
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