"प्रेम दिवस से अनर्थ दिवस तक"
7 फ़रवरी की तारीख आते ही नौनिहालों की-जवानी में एक अलग-सा खुमार छाने लगता हैं और 14 फ़रवरी तक यह मादक रूप में प्रवेश कर जाता है, चूँकि हाल-फिलहाल के 'प्रेम-जोड़ियों' ने 'वर्जिन' हवाओं को तोड़ते हुए 'बैलून टांग डे' खूब मनायें होंगे यानी 14 फ़रवरी की रंगीन रातें , इन रातों के गुजरने के बाद उन्हें इनका पश्चाताप या ग्लानि भी हुई होगी या शायद नहीं भी, लेकिन इस रात के बाद वालें दिन में शुरू है , एंटी-वैलेंटाइन वीक, तो स्टार्ट कर दे 'प्यार के बाद' 'तकरार वाले स्टाइल' को जहाँ 'स्लैप-डे' से लेकर 'ब्रेक-अप' तक आप जा सकते हैं -- 'वर्जिन' हवाओं के पहलेवाला पल फिर से पा सकते हैं, लेकिन बाद वाला नहीं !! आज मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट लेकर आई है इस प्यार के पर्व में आई 'वासनामयी-संसार' के पन्नें के अनछुए हिस्से को जिसे कविता के रूप में पेश कर रही है कवयित्री नीतू सुदीप्ति 'नित्या ' । वे प्रस्तुत कविता में आज के युवाओं में 'प्यार' के बदले 'सेक्स' की भूख की सच्चाई को कविता में , आगे आप खुद पढ़िए ...
7 फ़रवरी की तारीख आते ही नौनिहालों की-जवानी में एक अलग-सा खुमार छाने लगता हैं और 14 फ़रवरी तक यह मादक रूप में प्रवेश कर जाता है, चूँकि हाल-फिलहाल के 'प्रेम-जोड़ियों' ने 'वर्जिन' हवाओं को तोड़ते हुए 'बैलून टांग डे' खूब मनायें होंगे यानी 14 फ़रवरी की रंगीन रातें , इन रातों के गुजरने के बाद उन्हें इनका पश्चाताप या ग्लानि भी हुई होगी या शायद नहीं भी, लेकिन इस रात के बाद वालें दिन में शुरू है , एंटी-वैलेंटाइन वीक, तो स्टार्ट कर दे 'प्यार के बाद' 'तकरार वाले स्टाइल' को जहाँ 'स्लैप-डे' से लेकर 'ब्रेक-अप' तक आप जा सकते हैं -- 'वर्जिन' हवाओं के पहलेवाला पल फिर से पा सकते हैं, लेकिन बाद वाला नहीं !! आज मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट लेकर आई है इस प्यार के पर्व में आई 'वासनामयी-संसार' के पन्नें के अनछुए हिस्से को जिसे कविता के रूप में पेश कर रही है कवयित्री नीतू सुदीप्ति 'नित्या ' । वे प्रस्तुत कविता में आज के युवाओं में 'प्यार' के बदले 'सेक्स' की भूख की सच्चाई को कविता में , आगे आप खुद पढ़िए ...
आज का प्रेम दिवस सिर्फ बिस्तर तक ही सीमित है
चौराहे पर, गटर में ककहरे करते नवजात बच्चा उदाहरण है !
पुरुष हाथ खङे करता है - मै क्या जानू ...?
मै तो पुरुष हूँ , खरा सोना हूँ
ना कोई जूठा हुआ हूँ, ना मेरे ऊपर कोई दाग लगा है ...!
गलती तुम्हारी है
क्यों आई थी मेरे पास ...?
अरे यार ! छोड़ों जो हुआ सो हुआ
अगली बार 'छतरी' का इस्तेमाल करूंगा
ना कोई डर ना कोई बदनामी
प्यार होगा भरपूर
यही है हमारा आज का दस्तूर ...!
हाँ, आज का दस्तूर !!
हाँ, आज का दस्तूर !!
नमस्कार दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय ।
Neetu ji !! "ककहरा करते नवजात बच्चा" ---ये कौन सी हिंदी है
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Deleteबच्चे तुतलाते है और तुतलाने का एक अर्थ 'ककहरा' भी है ... जैसे:- ह ह ह....क क क आदि ।
ReplyDeleteबच्चे तुतलाते है और तुतलाने का एक अर्थ 'ककहरा' भी है ... जैसे:- ह ह ह....क क क आदि ।