दुनिया में खूबसूरत चीजें और खूबसूरत स्थान, पता नहीं इतनी खतरनाक होती क्यों हैं ? लेकिन जब भी खूबसूरती की बात आती है, तो प्रत्येक हालियाजवान युवक अपनी 'हाफ गर्लफ्रैंड' की तस्वीर को दिल में ठीक वैसे ही फ़ीड किये रहते हैं, जैसे- नया स्मार्टफोन हाथ लगते ही उसे चस्पाये रहते हैं । जब 'दिल की बात' जुबान पर आती है, तो कवितायें खुद-ब-खुद इश्किया, डेढ़ इश्किया, सवा इश्किया से होती हुई 'यो यो हनी सिंह' की गीतों में बिंध प्रेम-रोशनाई में उफनाई लिए आखर-आखर सबद बन जाती है । आज मैसेंजर ऑफ ऑर्ट लेकर आई है, कवयित्री सुदेशना की प्रेमातिरेक-भावाभिव्यंजना लिए दर्दीली कविता-द्वय । आइये, पढ़ते हैं---
एक रोज़ यूँ हुआ, सूरज के पहलू में शाम हो गई,
लफ़्ज़ों के काफ़िलों में यूँ नाम तेरा शुमार हुआ
किदस्तक दिल पर हुई, खबर सारे ज़माने को हो गयी।
चाँद की डोली से झाँकते, दो हसरतें,
पलकों ने तेरा इतना लंबा इंतज़ार किया
अनकही ज़ज्बात रह लबों पे,ख़बर सारे ज़माने को हो गयी ।
मौज़ू में है शामिल, यूँ बस तेरा ही ज़िक्र
जुबां पर रखे हैं, पैगाम-ए-इश्क़
एहसास नहीं तुझको फिरभी, ख़बर सारे ज़माने को हो गयी ।
पूछ लेते जो, जवाब हमारे
सब गिले शिकवे, हो जाते दूर,
रिश्तों को न समझा तुम ! ख़बर सारे ज़माने को हो गयी ।
सेहरे से मांगी पनाह, दिल से भी
कलमे पढ़े और इबादत भी की
क़ुबूल न की बन्दगी तुमने ! ख़बर सारे ज़माने को हो गयी ।
इक रोज़ यूँ हुआ,
तस्सवुर में तेरी पलकें नम हुई
होश नहीं इक तुझे, कि ख़बर सारे ज़माने को हो गयी ।
😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘
हो जाने दो
कुछ अल्फ़ाजों को,
दफन हो जाने दो
ज्यों कुरेदा
त्यों दर्द बढ़ेगा
हर सफे पे, फिर कुछ बिखरेगा
न जाने और कितने लम्हे-
कुछ अनकही जज़्बात
यहाँ दिल डूबेगा
माज़ी को फ़ना हो जाने दो
अब बस ! जाने दो
नया आगाज़ हो जाने दो
आओ, नये लफ़्ज़ों से कुछ महकाते हैं
चलो फिर अजनबी बन जाते हैं
कुछ नये रंग तस्वीरों में भरते हैं
लबों पर तबस्सुम सजाकर
फिर से एक-दूसरे के हम मरहम हो जाते हैं ।
नमस्कार दोस्तों !
एक रोज़ यूँ हुआ, सूरज के पहलू में शाम हो गई,
लफ़्ज़ों के काफ़िलों में यूँ नाम तेरा शुमार हुआ
किदस्तक दिल पर हुई, खबर सारे ज़माने को हो गयी।
चाँद की डोली से झाँकते, दो हसरतें,
पलकों ने तेरा इतना लंबा इंतज़ार किया
अनकही ज़ज्बात रह लबों पे,ख़बर सारे ज़माने को हो गयी ।
मौज़ू में है शामिल, यूँ बस तेरा ही ज़िक्र
जुबां पर रखे हैं, पैगाम-ए-इश्क़
एहसास नहीं तुझको फिरभी, ख़बर सारे ज़माने को हो गयी ।
पूछ लेते जो, जवाब हमारे
सब गिले शिकवे, हो जाते दूर,
रिश्तों को न समझा तुम ! ख़बर सारे ज़माने को हो गयी ।
सेहरे से मांगी पनाह, दिल से भी
कलमे पढ़े और इबादत भी की
क़ुबूल न की बन्दगी तुमने ! ख़बर सारे ज़माने को हो गयी ।
इक रोज़ यूँ हुआ,
तस्सवुर में तेरी पलकें नम हुई
होश नहीं इक तुझे, कि ख़बर सारे ज़माने को हो गयी ।
😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘
हो जाने दो
कुछ अल्फ़ाजों को,
दफन हो जाने दो
ज्यों कुरेदा
त्यों दर्द बढ़ेगा
हर सफे पे, फिर कुछ बिखरेगा
न जाने और कितने लम्हे-
कुछ अनकही जज़्बात
यहाँ दिल डूबेगा
माज़ी को फ़ना हो जाने दो
अब बस ! जाने दो
नया आगाज़ हो जाने दो
आओ, नये लफ़्ज़ों से कुछ महकाते हैं
चलो फिर अजनबी बन जाते हैं
कुछ नये रंग तस्वीरों में भरते हैं
लबों पर तबस्सुम सजाकर
फिर से एक-दूसरे के हम मरहम हो जाते हैं ।
नमस्कार दोस्तों !
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