आखिर किसने फेसबुक, ट्वीटर आदिरूपी मीडिया को 'सोशल मीडिया' कहा, जबकि दरअसल यह 99.99 फ़ीसदी अनसोशल है । प्रति दिवस-रात्रि के 24 घंटे में 1 घंटा तो यह लोगों से प्रेममिश्री की बात करता है, किन्तु शेष 23 घंटे इनमें उनके गाली-गलौज से पाटने शुरू हो जाते हैं ....। 'ये दुनिया पित्तल दी' गाना जब लोगों के कानों में आती है, तो लोग अपने-आप गुनगुनाने लग जाते हैं, तभी लोगों से होते हुए यह फिल्मी-गाना कब सोशल-मीडिया पर छा जाते हैं, मार्क जुकरबर्ग तक को पता नहीं चल पाता ! आज मैसेंजर ऑफ ऑर्ट में पढ़ते हैं, कवयित्री नीतू सुदीप्ति 'नित्या' की 'सोशल मीडिया' पर लेखनी के वाया एक 'फुसफुसाहट' (कविता) .... । आइये, पढ़ते हैं.....
"सोशल-मीडिया"
माँ की लोरी फ़िल्मी-गीत
डाउनलोड पिता के साथ
गुगल सर्च तो रिश्तेदार है यार
फेसबुक पर प्यार की बतियाँ
ईमेल है मशीनी चिट्ठियाँ
व्हाट्सएप्प जगाए सारी रतियाँ
ट्वीटर पर लगाकर नमक-मिर्च
ब्लॉग है अपनेपा कहने की दास्ताँ
यू ट्यूब पर नए-नए मेहमान
सोशल मीडिया की आज यही पहचान
प्रेमी-प्रेमिका,पति-पत्नी की तरह
निभाए 24 घंटे साथ
आज किसी रिश्ते का काम नहीं
सेलफोन पे समाया है सारे जहाँ !
"सोशल-मीडिया"
माँ की लोरी फ़िल्मी-गीत
डाउनलोड पिता के साथ
गुगल सर्च तो रिश्तेदार है यार
फेसबुक पर प्यार की बतियाँ
ईमेल है मशीनी चिट्ठियाँ
व्हाट्सएप्प जगाए सारी रतियाँ
ट्वीटर पर लगाकर नमक-मिर्च
ब्लॉग है अपनेपा कहने की दास्ताँ
यू ट्यूब पर नए-नए मेहमान
सोशल मीडिया की आज यही पहचान
प्रेमी-प्रेमिका,पति-पत्नी की तरह
निभाए 24 घंटे साथ
आज किसी रिश्ते का काम नहीं
सेलफोन पे समाया है सारे जहाँ !
नमस्कार दोस्तों !
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