PV सिंधु ने शानदार खेल का प्रदर्शन कर जापान की नोजोमी ओकुहारा को कांटे की टक्कर में हरा कर कोरिया ओपन बैंडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर लिया । उनकी इस उपलब्धि पर मैसेंजर ऑफ ऑर्ट की तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनायें ।
बहुत खूब PV सिंधु , विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में जिसने तुम्हें सोने से रोका, आज तुमने उसे सोने न दिया । इतनी कम उम्र में इतनी सारी उपलब्धि विरले को ही प्राप्त होती है और आप किसी विरले से कम नहीं है । कोरिया ओपन में जिस तरह से आपने अपनी प्रतिद्वंद्वी को 22-20,11-21,21-18 से मात दी, यह काबिल-ए-तारीफ है । आपने इस जीत के बाद अपना खिताब माननीय प्रधानमंत्री जी के जन्मदिन पर तोहफा के रूप में समर्पित किया । 1991 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट के 26 साल के इतिहास में आपसे पहले किसी भारतीय शटलर को खिताबी सफलता न मिली थी , लेकिन 26 साल के इतिहास को 22 साल की युवती की मेहनत ने जीत ली । आगे जापान-ओपन है, आप उसमें भी इसी तरह जीत के तिरंगे फहराते रहे और दुनिया में भारत की शान बढ़ाते रहे ।
-- प्रधान प्रशासी-सह-संपादक ।
बहुत खूब PV सिंधु , विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में जिसने तुम्हें सोने से रोका, आज तुमने उसे सोने न दिया । इतनी कम उम्र में इतनी सारी उपलब्धि विरले को ही प्राप्त होती है और आप किसी विरले से कम नहीं है । कोरिया ओपन में जिस तरह से आपने अपनी प्रतिद्वंद्वी को 22-20,11-21,21-18 से मात दी, यह काबिल-ए-तारीफ है । आपने इस जीत के बाद अपना खिताब माननीय प्रधानमंत्री जी के जन्मदिन पर तोहफा के रूप में समर्पित किया । 1991 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट के 26 साल के इतिहास में आपसे पहले किसी भारतीय शटलर को खिताबी सफलता न मिली थी , लेकिन 26 साल के इतिहास को 22 साल की युवती की मेहनत ने जीत ली । आगे जापान-ओपन है, आप उसमें भी इसी तरह जीत के तिरंगे फहराते रहे और दुनिया में भारत की शान बढ़ाते रहे ।
-- प्रधान प्रशासी-सह-संपादक ।
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