डॉक्टरों की भविष्यवाणी को जिन्होंने गलत साबित कर दुनिया को 'समय के संक्षिप्त इतिहास' से परिचित कराया । वह इस 'समय' वाली दुनिया को छोड़ एक ऐसे इतिहास की तरफ निकल गए, जिनकी कल्पना शायद वो 'एलियन' के रूप में भी किया था !
लेकिन उनसे उन सारे लोगों को सीख जरूर लेना चाहिए, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में मौत को आत्मसात कर लिया । आज वे इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनकी खोज मानवों के लिए सर्वोपरि है ।आइये आज मैसेंजर ऑफ आर्ट में महान वैज्ञानिक स्टीफेन हॉकिंग को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, पढ़ते हैं श्रीमान सदानंद पॉल का आलेख ...
नमस्कार दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय ।
लेकिन उनसे उन सारे लोगों को सीख जरूर लेना चाहिए, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में मौत को आत्मसात कर लिया । आज वे इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनकी खोज मानवों के लिए सर्वोपरि है ।आइये आज मैसेंजर ऑफ आर्ट में महान वैज्ञानिक स्टीफेन हॉकिंग को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, पढ़ते हैं श्रीमान सदानंद पॉल का आलेख ...
26 की आयु में जिसे ऐसी बीमारी लग गई, जो लाइलाज़ थी, जो बोल नहीं पाते थे, हिल नहीं पाते थे और जिसे संसारभर के कई डॉक्टरों ने इस बारे में यही कहा-- यह शख़्स 27 की आयु देख नहीं पायेगें !
वह शख़्स खगोलिकी भौतिकी में एक जगह यानी सिर्फ़ उनके लिए ही बनायी गयी व्हील चेयर में बैठे -बैठे कई सिद्धांत रच देंगे और वो 76 वर्ष की आयु में आज (14.3.2018) हमें छोड़ जाएंगे !
50 वर्ष पहले भी आश्चर्य हुआ था, आज भी आश्चर्य हुआ, उनके यूँ ही चले जाने पर !
'समय का संक्षिप्त इतिहास' (The brief history of time) संसारभर के प्रायशः भाषाओं में प्रकाशित हुई है और जो आज भी बेस्ट सेलिंग में बरकरार है ।
इस किताब में क्या है आखिर ? तब मेरे पास मात्र 50 रुपये थे और इसे राजकमल प्रकाशन से खरीदने में मेरे 20 मित्रों ने कुछ -कुछ राशि का सहयोग किया था, तभी जाकर मैंने यह किताब खरीद पाई थी ।
किताब इन 16 वर्षों में 10 बार तो जरूर पढ़ चुका हूँ, पर समझ नहीं पाया हूँ । वो भी तो 76 वर्षों से समय से दोस्ती किये था, पर समय ने ही उन्हें लील लिया । क्या वो भी समय को समझने में भूल किया था !
किताब नहीं समझने के बाद मैंने आदरणीय स्टीफ़ेन हॉकिंग को mail भी किया था, जवाब तो आया था, पर क्या, उसे ढूंढ़ रहा हूँ । शायद उनकी अस्वस्थता को लेकर बाद में जवाब देने को था । अब कौन जवाब देंगे ?
उन्होंने एलियंस होने से संबंधित भी कहा था, क्या वे समय की यान में बैठकर एलियंस से मिलने तो नहीं चले गए ?
सर स्टीफ़ेन हॉकिंग को सादर नमन !
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