जहां युवाओं की कलम 'फ़ेसबुक' पर आग उगल रही है, वहीं बुजुर्ग राइटर बस चैटिंग में व्यस्त दिखते हैं । आज जमाना ऐसा आ गया है कि जो राइटर्स देश की परिस्थितियों पर लिखने के प्रसिद्ध होते हैं, वे भी अपनी दिनचर्या को सुधारने और दूसरे पर कमेंट करने पर लगे रहते हैं । आज अंग्रेज भारत छोड़ो की जगह अंग्रेजी भारत छोड़ो पर ध्यान देने की जरूरत है । आज मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर से स्नातक तृतीय वर्ष के छात्र, जो जीव विज्ञान एवं वनस्पति विज्ञान में कैरियर को ढूंढते हुए, साहित्य रूपी सवारी पर निकल पड़े योद्धा हर्षित मिश्र 'नमन' की देशभक्ति से ओतप्रोत कविता, आइये पढ़ें ---
0 comments:
Post a Comment