यह देश विश्वास में श्रद्धा रमाये पूजा-अर्चना में ही परिणाम ढूढ़ते हैं, तभी तो कोई पर्व-त्योहार आते ही सनातन धर्मावलम्बी पूजा-पाठ करने लग जाते हैं । हम भारतीय पूरी तन्मयता से इस प्रसंग हेतु लग जाते हैं और लगे भी क्यों नहीं ? ....क्योंकि इसी बहाने ही हम दोस्तों, रिश्तेदारों और अन्य लोगों को समय दे पाते हैं ! समय की साध इसके सापेक्ष ही फलदायी हो पाता है । आज मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, इंजीनियर अवधेश कुमार 'अवध'जी रचित महत्त्वपूर्ण प्रार्थना, जो कि माँ दुर्गा देवी को समर्पित है ! आइये, इस काव्य-प्रसून को पढ़ते हैं और चाहे तो श्रद्धा से लबरेज़ होते हैं.......
कवि अवधेश कुमार 'अवध' |
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