बतौर, 'मैसेंजर ऑफ आर्ट' की प्रस्तुति से पूर्व व्यक्तिगत रूप से मैं इस माने देश का पहला व्यक्ति हूँ, जिन्होंने सबसे कम उम्र में किसी सरकारी संस्थान को RTI आवेदन भेजकर व सूचना प्राप्तार्थ 'सूचना आयोग' तक वाद दायर कर स्वयं सहित अन्य लोगों को भी सामाजिक कार्यों के लिए उत्प्रेरित किया है । मेरी विहित उपलब्धि इसलिए आज याद हो आयी, क्योंकि MoA पाठकगण को कम उम्र के ऐसे ही एक सामाजिक कार्यकर्त्ता से रूबरू कराने को औत्सुक्य हैं।
सुश्री चंदा ठाकुर, बिहार के वैशाली ज़िला की रहने वाली है । किशोरी चंदा 'बाल-विवाह' के विरुद्ध न सिर्फ़ हल्लाबोल मचाई हुई है, अपितु कहीं भी बाल-विवाह नहीं हो, इस अभियान की जोरदार तरीके से वकालत करती हैं । बीते 'अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस' व 11 अक्टूबर को उनके कार्यों की मुखर स्थितियों को देखते हुए उन्हें नई दिल्ली में एक दिन के लिए प्रतीकात्मक रूप में अमरीकी राजदूत बनाई गई । इसतरह की राजदूत बननेवाली वह देश की 16 युवतियों में एक थी । वे उम्र के उस दौर में हैं, जहाँ बाल्यावस्था नहीं, अपितु किशोरावस्था गृह कर चुकी है । जहाँ लिंगभेद अलग ही 'मोड' पर होती हैं, बावजूद सुश्री चंदा अपनी युवास्था में प्रवेश करने के बावजूद अपने मिशन को स्वयं की उम्र के पीछे छोड़ दी हैं । विदित है, लैंगिक भेदभाव लिए सामाजिक कुप्रथाओं के विन्यस्त:जोरदार आक्रमण कर समाज को आगे ले चलने की मुहिम के पर्याय सुश्री चंदा ठाकुर बन गयी हैं !
'मैसेंजर ऑफ आर्ट' की मासिक प्रस्तुति 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में इसबार किशोरी समाजसेविका व एक्टिविस्ट सुश्री चंदा ठाकुर से हम उनकी ओर से आई 14 गझिन उत्तरों को जानते हैं । .... तो आइये, हम इसे (इस साक्षात्कार को) बिना वक्त गवाएँ पढ़ ही डालते हैं......
प्र.(1.)आपके कार्यों को प्रिंट मीडिया के माध्यम से जाना । इन कार्यों अथवा कार्यक्षेत्र के आइडिया-संबंधी 'ड्राफ्ट' को सुस्पष्ट कीजिये ?
उ:-
मैं अभी बाल विवाह तथा मासिक स्वास्थ्य और स्वच्छ्ता संबंधित विषयों पर काम कर रही हूँ और जिससे बहुत सारे बदलाव भी हुए हैं । हमने बिहार के वैशाली में बहुत सारे बाल विवाहों को रोका है तथा लोगों को जागरूक करने में सफल भी हुए हैं।
प्र.(2.)आप किसतरह के पृष्ठभूमि से आये हैं ? बतायें कि यह आपके इन उपलब्धियों तक लाने में किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उ:-
प्लान इंडिया नाम के संस्था ने हमारी बहुत मदद की है । मार्गदर्शक बन हर कदम पर हमारी मदद भी की है।
प्र.(3.)आपका जो कार्यक्षेत्र है, इनसे आमलोग किसतरह से इंस्पायर अथवा लाभान्वित हो सकते हैं ?
उ:-
मैंने हमेशा से अपने आप को बदलने में विश्वास किया है और मेरे बदलने के साथ आसपास की लड़कियां भी अपने हक़ के लिए लड़ने को तैयार हुई और फिर एक टीम बनाकर हमने काम करना शुरू कर दिया। जरूरत है बस लोगों की सोच बदलने की।
प्र.(4.)आपके कार्य में आये जिन रूकावटों,बाधाओं या परेशानियों से आप या संगठन रू-ब-रू हुए, उनमें से दो उद्धरण दें ?
उ:-
हमने एक लड़के की शादी रोकी है, पिछले साल ! लोगों का हुजूम हम पर बरस पड़ा था। अंततः शादी रुकी, लेकिन खौफ का माहौल अभी तक था।
जब हमने मासिक धर्म से जुड़े सवाल पूछे लड़कियों से तो हमें बहुत से गलत टिप्पणियों का सामना करना पड़ा।
प्र.(5.)अपने कार्य क्षेत्र के लिए क्या आपको आर्थिक दिक्कतों से दो-चार होना पड़ा अथवा आर्थिक दिग्भ्रमित के तो शिकार न हुए ? अगर हाँ, तो इनसे पार कैसे पाये ?
उ:-
आर्थिक दिक्कतों का सामना अभी भी करना पड़ रहा है मेरे सारे पॉकेट खर्च खत्म हो जाते हैं। आर्थिक रूप से किसी से कोई मदद नहीं मिला आज तक !
प्र.(6.)आपने यही क्षेत्र क्यों चुना ? आपके पारिवारिक सदस्य क्या इस कार्य से संतुष्ट थे या उनसबों ने राहें अलग पकड़ ली ?
उ:-
कभी-कभार खिलाफ होते थे, पर अब सारे लोग साथ देते हैं। मैंने यह क्षेत्र इसलिए चुना, क्योंकि मैं कुछ करना चाहती हूँ अपने देश के लिए।
प्र.(7.)आपके इस विस्तृत-फलकीय कार्य के सहयोगी कौन-कौन हैं ? यह सभी सम्बन्ध से हैं या इतर हैं !
उ:-
कुछ गैर-सरकारी संस्थायें कभी-कभी सहयोग करते हैं, जैसे- प्लान आई डी एफ।
प्र.(8.)आपके कार्य से भारतीय संस्कृति कितनी प्रभावित होती हैं ? इससे अपनी संस्कृति कितनी अक्षुण्ण रह सकती हैं अथवा संस्कृति पर चोट पहुँचाने के कोई वजह ?
उ:-
यह सवाल मेरे कार्य क्षेत्र से पृथक है।
(नोट : जबकि ऐसे सवाल इस क्षेत्र में भी चिरनीत है -- संपादक)
प्र.(9.)भ्रष्टाचारमुक्त समाज और राष्ट्र बनाने में आप और आपके कार्य कितने कारगर साबित हो सकते हैं !
उ:-
यह सवाल मेरे कार्य क्षेत्र से अलग है।
(नोट : जबकि ऐसे सवाल इस कार्यक्षेत्र के लिए भी प्रतिबद्धता से जुड़े हैं -- संपादक)
प्र.(10.)इस कार्य के लिए आपको कभी आर्थिक मुरब्बे से इतर किसी प्रकार के सहयोग मिले या नहीं ? अगर हाँ, तो संक्षिप्त में बताइये ।
उ:-
नहीं ।
प्र.(11.)आपके कार्य क्षेत्र के कोई दोष या विसंगतियाँ, जिनसे आपको कभी धोखा, केस या मुकद्दमे की परेशानियां झेलने पड़े हों ?
उ:-
ऐसा होने का डर था, लेकिन हुआ नहीं ! जब हमने एक शादी रोकी थी, तो उस समय कुछ भी हो सकता था, हमारे साथ।
प्र.(12.)कोई किताब या पम्फलेट जो इस सम्बन्ध में प्रकाशित हों, तो बताएँगे ?
उ:-
नहीं ।
प्र.(13.)इस कार्यक्षेत्र के माध्यम से आपको कौन-कौन से पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए, बताएँगे ?
उ:-
(i)'गर्ल चेंज मेकर अवार्ड' अनिल कपूर प्लान इंडिया के द्वारा,
(ii)'सोच बदलो अवार्ड' जेंडर रिसोर्स सेन्टर के द्वारा।
प्र.(14.)आपके कार्य मूलतः कहाँ से संचालित हो रहे हैं तथा इसके विस्तार हेतु आप समाज और राष्ट्र को क्या सन्देश देना चाहेंगे ?
उ:-
बस इतना कहना चाहूंगी कि एक अकेला इंसान भी देश बदल सकता है । जरूरत है, सिर्फ एक सोच की !
सुश्री चंदा ठाकुर, बिहार के वैशाली ज़िला की रहने वाली है । किशोरी चंदा 'बाल-विवाह' के विरुद्ध न सिर्फ़ हल्लाबोल मचाई हुई है, अपितु कहीं भी बाल-विवाह नहीं हो, इस अभियान की जोरदार तरीके से वकालत करती हैं । बीते 'अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस' व 11 अक्टूबर को उनके कार्यों की मुखर स्थितियों को देखते हुए उन्हें नई दिल्ली में एक दिन के लिए प्रतीकात्मक रूप में अमरीकी राजदूत बनाई गई । इसतरह की राजदूत बननेवाली वह देश की 16 युवतियों में एक थी । वे उम्र के उस दौर में हैं, जहाँ बाल्यावस्था नहीं, अपितु किशोरावस्था गृह कर चुकी है । जहाँ लिंगभेद अलग ही 'मोड' पर होती हैं, बावजूद सुश्री चंदा अपनी युवास्था में प्रवेश करने के बावजूद अपने मिशन को स्वयं की उम्र के पीछे छोड़ दी हैं । विदित है, लैंगिक भेदभाव लिए सामाजिक कुप्रथाओं के विन्यस्त:जोरदार आक्रमण कर समाज को आगे ले चलने की मुहिम के पर्याय सुश्री चंदा ठाकुर बन गयी हैं !
'मैसेंजर ऑफ आर्ट' की मासिक प्रस्तुति 'इनबॉक्स इंटरव्यू' में इसबार किशोरी समाजसेविका व एक्टिविस्ट सुश्री चंदा ठाकुर से हम उनकी ओर से आई 14 गझिन उत्तरों को जानते हैं । .... तो आइये, हम इसे (इस साक्षात्कार को) बिना वक्त गवाएँ पढ़ ही डालते हैं......
सुश्री चंदा ठाकुर |
प्र.(1.)आपके कार्यों को प्रिंट मीडिया के माध्यम से जाना । इन कार्यों अथवा कार्यक्षेत्र के आइडिया-संबंधी 'ड्राफ्ट' को सुस्पष्ट कीजिये ?
उ:-
मैं अभी बाल विवाह तथा मासिक स्वास्थ्य और स्वच्छ्ता संबंधित विषयों पर काम कर रही हूँ और जिससे बहुत सारे बदलाव भी हुए हैं । हमने बिहार के वैशाली में बहुत सारे बाल विवाहों को रोका है तथा लोगों को जागरूक करने में सफल भी हुए हैं।
प्र.(2.)आप किसतरह के पृष्ठभूमि से आये हैं ? बतायें कि यह आपके इन उपलब्धियों तक लाने में किस प्रकार के मार्गदर्शक बन पाये हैं ?
उ:-
प्लान इंडिया नाम के संस्था ने हमारी बहुत मदद की है । मार्गदर्शक बन हर कदम पर हमारी मदद भी की है।
प्र.(3.)आपका जो कार्यक्षेत्र है, इनसे आमलोग किसतरह से इंस्पायर अथवा लाभान्वित हो सकते हैं ?
उ:-
मैंने हमेशा से अपने आप को बदलने में विश्वास किया है और मेरे बदलने के साथ आसपास की लड़कियां भी अपने हक़ के लिए लड़ने को तैयार हुई और फिर एक टीम बनाकर हमने काम करना शुरू कर दिया। जरूरत है बस लोगों की सोच बदलने की।
प्र.(4.)आपके कार्य में आये जिन रूकावटों,बाधाओं
उ:-
हमने एक लड़के की शादी रोकी है, पिछले साल ! लोगों का हुजूम हम पर बरस पड़ा था। अंततः शादी रुकी, लेकिन खौफ का माहौल अभी तक था।
जब हमने मासिक धर्म से जुड़े सवाल पूछे लड़कियों से तो हमें बहुत से गलत टिप्पणियों का सामना करना पड़ा।
प्र.(5.)अपने कार्य क्षेत्र के लिए क्या आपको आर्थिक दिक्कतों से दो-चार होना पड़ा अथवा आर्थिक दिग्भ्रमित के तो शिकार न हुए ? अगर हाँ, तो इनसे पार कैसे पाये ?
उ:-
आर्थिक दिक्कतों का सामना अभी भी करना पड़ रहा है मेरे सारे पॉकेट खर्च खत्म हो जाते हैं। आर्थिक रूप से किसी से कोई मदद नहीं मिला आज तक !
प्र.(6.)आपने यही क्षेत्र क्यों चुना ? आपके पारिवारिक सदस्य क्या इस कार्य से संतुष्ट थे या उनसबों ने राहें अलग पकड़ ली ?
उ:-
कभी-कभार खिलाफ होते थे, पर अब सारे लोग साथ देते हैं। मैंने यह क्षेत्र इसलिए चुना, क्योंकि मैं कुछ करना चाहती हूँ अपने देश के लिए।
प्र.(7.)आपके इस विस्तृत-फलकीय कार्य के सहयोगी कौन-कौन हैं ? यह सभी सम्बन्ध से हैं या इतर हैं !
उ:-
कुछ गैर-सरकारी संस्थायें कभी-कभी सहयोग करते हैं, जैसे- प्लान आई डी एफ।
प्र.(8.)आपके कार्य से भारतीय संस्कृति कितनी प्रभावित होती हैं ? इससे अपनी संस्कृति कितनी अक्षुण्ण रह सकती हैं अथवा संस्कृति पर चोट पहुँचाने के कोई वजह ?
उ:-
यह सवाल मेरे कार्य क्षेत्र से पृथक है।
(नोट : जबकि ऐसे सवाल इस क्षेत्र में भी चिरनीत है -- संपादक)
प्र.(9.)भ्रष्टाचारमुक्त समाज और राष्ट्र बनाने में आप और आपके कार्य कितने कारगर साबित हो सकते हैं !
उ:-
यह सवाल मेरे कार्य क्षेत्र से अलग है।
(नोट : जबकि ऐसे सवाल इस कार्यक्षेत्र के लिए भी प्रतिबद्धता से जुड़े हैं -- संपादक)
प्र.(10.)इस कार्य के लिए आपको कभी आर्थिक मुरब्बे से इतर किसी प्रकार के सहयोग मिले या नहीं ? अगर हाँ, तो संक्षिप्त में बताइये ।
उ:-
नहीं ।
प्र.(11.)आपके कार्य क्षेत्र के कोई दोष या विसंगतियाँ, जिनसे आपको कभी धोखा, केस या मुकद्दमे की परेशानियां झेलने पड़े हों ?
उ:-
ऐसा होने का डर था, लेकिन हुआ नहीं ! जब हमने एक शादी रोकी थी, तो उस समय कुछ भी हो सकता था, हमारे साथ।
प्र.(12.)कोई किताब या पम्फलेट जो इस सम्बन्ध में प्रकाशित हों, तो बताएँगे ?
उ:-
नहीं ।
प्र.(13.)इस कार्यक्षेत्र के माध्यम से आपको कौन-कौन से पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए, बताएँगे ?
उ:-
(i)'गर्ल चेंज मेकर अवार्ड' अनिल कपूर प्लान इंडिया के द्वारा,
(ii)'सोच बदलो अवार्ड' जेंडर रिसोर्स सेन्टर के द्वारा।
प्र.(14.)आपके कार्य मूलतः कहाँ से संचालित हो रहे हैं तथा इसके विस्तार हेतु आप समाज और राष्ट्र को क्या सन्देश देना चाहेंगे ?
उ:-
बस इतना कहना चाहूंगी कि एक अकेला इंसान भी देश बदल सकता है । जरूरत है, सिर्फ एक सोच की !
"आप यूं ही हँसती रहें, मुस्कराती रहें, स्वस्थ रहें, सानन्द रहें "..... 'मैसेंजर ऑफ ऑर्ट' की ओर से सहस्रशः शुभ मंगलकामनाएँ !
नमस्कार दोस्तों !
मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' में आपने 'इनबॉक्स इंटरव्यू' पढ़ा । आपसे समीक्षा की अपेक्षा है, तथापि आप स्वयं या आपके नज़र में इसतरह के कोई भी तंत्र के गण हो, तो हम इस इंटरव्यू के आगामी कड़ी में जरूर जगह देंगे, बशर्ते वे हमारे 14 गझिन सवालों के सत्य, तथ्य और तर्कपूर्ण जवाब दे सके !
She is best example of changemaker. Kyoki dusro ko badlna se phela khud ko badlna hoga... Wo jitna main inhen follow karte hu aur kareeb se jana hain.. yeah safar ki suruat apne se he ki hai..
ReplyDeleteप्रेरणादायक
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