वर्षा गुप्ता रैन उनकी दो किताबें आ चुकी है। दोनों किताबें अद्भुत विचारों से भरे पड़े हैं। पहली किताब सफर रेशमी सपनों का ज़िंदगी की सच्चाई को पेश करती है, तो दूसरी 'दिल' को छू सी लेती है। आज मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, कवयित्री व लेखिका वर्षा गुप्ता रैन जी की किताबों की लघु प्रेरक समीक्षा...
#लप्रेस #लघु_प्रेरक_समीक्षा
'सफर रेशमी सपनों का' अद्भुत काव्य संग्रह । जिनकी कवितायें हम पाठकों को कभी हँसाती है, तो कभी सोचने पर मजबूर भी करती है, परंतु साहित्य व प्रेम में गलतियाँ करना तो आम बात है, लेकिन जिस तरह प्रेम में गलतियाँ माफी योग्य होती है, ठीक उसी तरह से साहित्य में भी गलतियाँ माफी योग्य होती है !
लेखिका की जितनी बड़ी नाम है, उतनी ही सच्ची लेखन की कोशिश उन्होंने अपनी दूसरी किताब 'मेला जंक्शन' कहानी-संग्रह में की हैं। कहानी संग्रह में दो कहानियाँ 'फैन नम्बर. 1 व बाबा की बेटी' मुझे अच्छी लगी, परंतु कुछ कहानियों में कुछ शब्द रसीले तो हैं ही, परंतु यह शब्द सही जगह पर जुड़ नहीं पाते हैं, लेकिन 'भूली बिसरी यादें' कहानी दिल को छू सी लेती हैं और सोचने पर मजबूर करती है कि ---
'मानवता अब भी जिंदा है ।'
'मानवता अब भी जिंदा है ।'
-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
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