आजकल किताबों से ज्यादा महंगी उनपर लगनेवाली डिलीवरी चार्ज हो गयी है, लेकिन पुस्तक प्रेमी पुस्तकों को पढ़ना तबतक बंद नहीं करेंगे, जबतक राकेश शंकर भारती जैसे लेखक लिखते रहेंगे । आज मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, श्रीमान राकेश जी की कहानी संग्रह की लघु, लेकिन प्रेरक समीक्षा...
#लप्रेस #लघु_प्रेरक_समीक्षा
'नीली आँखें' बेहतरीन कहानियों का संग्रह है, जहाँ कुछ कहानियाँ तो लेखक की अपनी कहानी जैसी लगती है, लेकिन शब्दों में थोड़ी कठोरता और होनी चाहिए थी, क्योंकि बिहारी मानुष में शब्दों की कलाकारी नीली ही नहीं, भूरी-व-हरी आंखों को भी अपने प्रेम पाश में कैद करने की क्षमता रखती हैं।
-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
#लप्रेस #लघु_प्रेरक_समीक्षा
'नीली आँखें' बेहतरीन कहानियों का संग्रह है, जहाँ कुछ कहानियाँ तो लेखक की अपनी कहानी जैसी लगती है, लेकिन शब्दों में थोड़ी कठोरता और होनी चाहिए थी, क्योंकि बिहारी मानुष में शब्दों की कलाकारी नीली ही नहीं, भूरी-व-हरी आंखों को भी अपने प्रेम पाश में कैद करने की क्षमता रखती हैं।
-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
0 comments:
Post a Comment