अच्छी, सच्ची, दिल व मन को छूने वाली किताबें 'बेस्टसेलर' नहीं होती, क्योंकि बेस्टसेलर 'ऐसी-वैसी' किताबें ही होती हैं, जिनकी कहानी में दम न के बराबर रहती है। आइये मैसेंजर ऑफ आर्ट में आज पढ़ते हैं कवयित्री व लेखिका अभिधा शर्मा लिखित उपन्यास मेरी अवंतिका की प्रेरक व लघु समीक्षा...
#लप्रेस #लघु_प्रेरक_समीक्षा
'मेरी अवंतिका' पढ़ते हुए ऐसा लगा कि उपन्यास की घटनायें सामने घटित हो रही है !
'दिल व मन' को जोड़ती काबिलेगौर कहानी।
कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ रही थी, मुझे अपने गिरफ़्त में लेते जा रही थी। उपन्यास के हरेक पात्र शब्दों के माध्यम से कभी हंसा, तो कभी रुला भी रही थी। आगे क्या लिखूँ पुस्तक बारे में..., लेकिन इतना कहना चाहूँगा ---
'मेरी अवंतिका हृदय में समा गई है।'
-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
#लप्रेस #लघु_प्रेरक_समीक्षा
'मेरी अवंतिका' पढ़ते हुए ऐसा लगा कि उपन्यास की घटनायें सामने घटित हो रही है !
'दिल व मन' को जोड़ती काबिलेगौर कहानी।
कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ रही थी, मुझे अपने गिरफ़्त में लेते जा रही थी। उपन्यास के हरेक पात्र शब्दों के माध्यम से कभी हंसा, तो कभी रुला भी रही थी। आगे क्या लिखूँ पुस्तक बारे में..., लेकिन इतना कहना चाहूँगा ---
'मेरी अवंतिका हृदय में समा गई है।'
-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
खूब आभार आपका...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया समीक्षा ��
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