आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट के प्रस्तुतांक में पढ़ते हैं, श्रीमान् विहाग वैभव जी के फ़ेसबुक वॉल से साभार ली गयी उपमा रहित कविता-कृति.....
बहुत मामूली चीज है
यदि मैंने जन्नत देखी होती
तो दावे के साथ कह पाता कि
तुम्हारे साथ बिताए हुए दिनों के आगे
जन्नत बहुत मामूली चीज है।
अब चूँकि मैंने नर्क देखा है
तब दावे के साथ कह सकता हूँ कि
तुम्हारे बिछोह के आगे
नर्क बहुत मामूली चीज है।
बहुत मामूली चीज है
यदि मैंने जन्नत देखी होती
तो दावे के साथ कह पाता कि
तुम्हारे साथ बिताए हुए दिनों के आगे
जन्नत बहुत मामूली चीज है।
अब चूँकि मैंने नर्क देखा है
तब दावे के साथ कह सकता हूँ कि
तुम्हारे बिछोह के आगे
नर्क बहुत मामूली चीज है।
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