चुनाव जब-जब आती है राजनीतिक दलों के द्वारा घोषणाएं शुरू हो जाती हैं और जनता सब जानते हुए मौन रहते हैं कि इस बार के घोषणावीर कौन होंगे ? आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं इंजीनियर अवधेश कुमार 'अवध' जी की कुछ पंक्तियाँ...
श्रीमान अवधेश कुमार 'अवध' |
'लोकतन्त्र मजबूत करें'
छोड़ पुराने राग-द्वेष को, समुचित सत्य सबूत करें।
ऐसा ना हो स्वयं मरें औ मानवता ताबूत करें।
पाँच वर्ष के बाद पुन: यह वक्त सुनहरा आया है-
इस चुनाव के महापर्व में, लोकतन्त्र मजबूत करें।
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