ज़िन्दगी में हास्य होना बेहद जरूरी है, आइए मैसेंजर ऑफ आर्ट में आज पढ़ते हैं हास्य कलाकार चार्ली चैपलिन के बारे में...
पिछले दिनों हास्य दिवस और महान हास्य कलाकार चार्ली चैपलिन का जन्मदिवस भी रहा । हॉलीवुड के मूक फिल्मों के विदूषक चार्ली चैपलिन को हिंदी में आवाज और अभिनय दिया, श्रीमान राज कपूर ने। 'मेरा नाम जोकर' का जोकर की भूमिका में राज कपूर ने बिल्कुल ही चार्ली को जिया है । राज कपूर के पोते रणवीर कपूर ने इसे 'बर्फी' में जिया है । बॉलीवुड में अभिनेत्रियों ने भी चार्ली के अभिनय को जी हैं, यथा:- मिस्टर इंडिया में श्रीदेवी, तो अन्यार्थ फ़िल्म में विद्या बालन ! चार्ली का जीवन अभावों में बीता, द्रष्टव्यश: माँ-पिता के जीवित रहते भी अनाथालय गया, माँ-पिता को अलग होते देखा, सौतेली माँ की अत्याचार देखा, बाल्यावस्था में ही पिता की दर्दनाक मौत देखा, स्वयं की शादी भी टूटते देखा, कई मुक़द्दमें भी झेला, हिटलर की रूपाकृति पर धमकियाँ भी झेलें, आजन्म दुःख और उपहास पाया । तब कहीं जाकर वे चार्ली चैपलिन बन पाए ! उन्होंने खुद कहा है-- "मुझे बारिश में भींगना अच्छा लगता है, क्योंकि कोई तब मेरे आंसू देख नहीं सकता है।
-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
फ़ोटो साभार गूगल : चार्ली चैपलिन |
पिछले दिनों हास्य दिवस और महान हास्य कलाकार चार्ली चैपलिन का जन्मदिवस भी रहा । हॉलीवुड के मूक फिल्मों के विदूषक चार्ली चैपलिन को हिंदी में आवाज और अभिनय दिया, श्रीमान राज कपूर ने। 'मेरा नाम जोकर' का जोकर की भूमिका में राज कपूर ने बिल्कुल ही चार्ली को जिया है । राज कपूर के पोते रणवीर कपूर ने इसे 'बर्फी' में जिया है । बॉलीवुड में अभिनेत्रियों ने भी चार्ली के अभिनय को जी हैं, यथा:- मिस्टर इंडिया में श्रीदेवी, तो अन्यार्थ फ़िल्म में विद्या बालन ! चार्ली का जीवन अभावों में बीता, द्रष्टव्यश: माँ-पिता के जीवित रहते भी अनाथालय गया, माँ-पिता को अलग होते देखा, सौतेली माँ की अत्याचार देखा, बाल्यावस्था में ही पिता की दर्दनाक मौत देखा, स्वयं की शादी भी टूटते देखा, कई मुक़द्दमें भी झेला, हिटलर की रूपाकृति पर धमकियाँ भी झेलें, आजन्म दुःख और उपहास पाया । तब कहीं जाकर वे चार्ली चैपलिन बन पाए ! उन्होंने खुद कहा है-- "मुझे बारिश में भींगना अच्छा लगता है, क्योंकि कोई तब मेरे आंसू देख नहीं सकता है।
-- प्रधान प्रशासी-सह-प्रधान संपादक ।
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