आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, श्रीमान सचिन अग्रवाल जी की शानदार रचना...
श्रीमान सचिन अग्रवाल |
लिहाज़ भूले हैं, आदत बिगाड़ बैठे हैं
खुली ज़मीन में माइक जो गाढ़ बैठे हैं !
बता रहे हैं वो शाश्वत हैं, वो अमर हैं,
जो हर एक साँस का करके जुगाड़ बैठे हैं !
नमस्कार दोस्तों !
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