आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट की टटका कड़ी में पढ़ते हैं, उपन्यास वेंटिलेटर इश्क़ के लेखक द्वारा समीक्षित कथासम्राट प्रेमचंद की कहानी घसवाली की अद्भुत समीक्षा.......
कथा सम्राट की कथा के पात्रों के नाम से कोई भी पाठक समझ जाएंगे कि फलाँ पात्र की चर्चा किन-किन रूपों में होगी....
ग्रामीण महिलाओं से अगर कोई छेड़छाड़ करने का प्रयास करेंगे, तो सामनेवालों की खैर नहीं ! यह तथ्यावलोकन प्रेमचंद ने कथा 'घासवाली' में लिखना कैसे भूल गए ? प्रेमचंद यह लिखना भी क्यों भूल गए कि गरीबों की हँसी का मतलब हँसी ही होता है, जगहँसाई नहीं ? क्या उस समय उच्च वर्ग के लोगों का हृदय परिवर्तन सेकंड भर में ही हो जाया करते थे ? नहीं न !
जो भी हो, प्रस्तुत कथा सामाजिक संवेदनाओं को गहराई तक ले जाने का इसलिए असफल प्रयास है, क्योंकि कथापात्र महावीर के लिए इसप्रकार के उद्वेलन नहीं हो पाता है !
नमस्कार दोस्तों !
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