आदरणीय पाठकगण !
आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट की ताज़ा कड़ी में पढ़ते हैं, उपन्यास वेंटिलेटर इश्क़ के लेखक द्वारा समीक्षित कथासम्राट प्रेमचंद की कहानी कायापलट की असाधारण समीक्षा.......
प्रेमचंद की कहानी 'कायापलट' !फ़ोटो साभार- गूगल
'काया' से आशय देह से है, किन्तु कायापलट से आशय स्थितियों व अवस्थाओं में अचानक हुए बदलाव व परिवर्त्तन से है ! क्या प्रस्तुत कथा किसी उपन्यास का अंश है ?
क्या धार्मिक ग्रंथों का कसम खाना उस समय आसान था ? क्या बाजार आने-जाने का भी समय होता है ? क्या सुंदर महिलाएं ही अच्छी होती हैं, बाद बाकी नहीं ?
जो भी हो, प्रेमचंद रचित कहानी 'कायापलट' अजीब सच्चाई लिए गझिन दास्तां है, जो वास्तविक तो है, किन्तु पढ़ते-पढ़ते मन विच्छृंखल हो जाती है, बांध नहीं पाती है !
नमस्कार दोस्तों !
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