आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट की टटका कड़ी में पढ़ते हैं, उपन्यास वेंटिलेटर इश्क़ के लेखक द्वारा समीक्षित कथासम्राट प्रेमचंद की कथा अँधेर की अद्वितीय समीक्षा.......
चित्र साभार :- गूगल
प्रेमचंद रचित कहानी 'अँधेर' !
....आखिरकार साठ साल की उम्रवाले यानी साठे लोगों की ताकत बकरे (पाठे) की तरह होते हैं ? आखिर ये क्या बला है ? क्या अखाड़े में नियम नहीं होते हैं ?
क्या प्रस्तुत कथा के लिए हल्के-फुल्के चर्चे ही होने जरूरी हैं ? ....तो ऐसा क्यों ? क्या कोई भी कथापात्र ने शिकायत नहीं किये ?
जो भी हो, प्रेमचंद की कथा 'अँधेर' कई सच्चाइयों को बता जाते हैं, बावजूद यह कहानी कई सवालों को लेकर अनुत्तरित रह जाते हैं यानी कोई जवाब नहीं दे पाते हैं !
नमस्कार दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं। इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।
0 comments:
Post a Comment