फ़ोटो साभार- गूगल |
प्रेमचंद रचित कहानी 'शादी की वजह' !
किसी घटना के होने की कोई न कोई वजह होती है ! ऐसी घटनाएँ अकस्मात होती हैं, किन्तु शादी की घटनाएँ संस्कार निहित होकर 'नियोजित' होती हैं।
क्या शादी संस्कार प्रकृति में मानवीय वंशानुक्रम को बरकरार रखने के लिए संपादित होते हैं ? क्या शादी दैहिक संतुष्टि या शारीरिक मनोरंजन के लिए किए जाते हैं ?
वैसे मनुष्यों में ही यह संस्कार है, क्योंकि यह अगर नहीं हो तो बलात्कृत या जोर-जबर्दस्ती की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं ! पशु-पक्षियों में शादी नहीं होती या तो प्रेम होती है या जोर-जबर्दस्ती !
जो भी हो, प्रेमचंद रचित कहानी 'शादी की वजह' कथा तो बिल्कुल नहीं है, क्योंकि नहीं होने को लेकर कथाकार ने इन बातों में शादी करने की कई वजह बताएँ हैं, न कि कोई एक वजह !
....लेकिन कुछ बातें और कुछ वजहें तो प्रेमचंद की ज़िन्दगानी की भाँति ही परिलक्षित होती है ? यथा- "मेरी पहली बीवी की औलाद को परवरिश की जरूरत थी, इसलिए शादी की !"
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