आदरणीय पाठकगण !
आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, श्रीमान सुशांत सुप्रिय की अद्वितीय रचना.......
एक बार
एक काँटे के शरीर में चुभ गया
एक नुकीला आदमी
काँटा दर्द से कराह उठा
बड़ी मुश्किल से उसने आदमी को
अपने शरीर से बाहर निकाल फेंका
तब जा कर काँटे ने राहत की साँस ली !
नमस्कार दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं। इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।
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