आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, कवि रोहित सुकुमार की प्रेमपूर्ण कविता.......
जिंदगी के गमले में,
हर रोज
वैसे ही सींचता हूँ
तुम्हारा प्रेम-
जैसे दादी सींचती है
आँगन की
तुलसी में पानी !
नमस्कार दोस्तों !
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