आदरणीय पाठकगण !
आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं; श्रीमती रचना भोला 'यामिनी' जी की रचना.......
श्रीमती रचना भोला 'यामिनी' |
क्यों किया, कहा कैसे,
चला गया, आया क्यों नहीं
मत बोल, रूठ जा
ये सब किस्से मन के हैं
प्रेम, तुम इनसे बचना
अपनी पटकथा हम स्वयं लिखेंगे !
नमस्कार दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें Email-messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय ।
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