कविताओं में इतनी क्षमता होती हैं कि नकारात्मक विचारों को भी सकारात्मक बना दें ! आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं इंजीनियर, लेखक व कवि श्रीमान अखिलेश कुमार यादव जी की शानदार रचनायें, जिसे पढ़कर हमारे आदरणीय पाठकगण जरूर कहेंगे- वाह क्या बात है ?
कवि अखिलेश कुमार यादव |
लहरें तो-
उल्टी-सीधी बोलती है
पर-
तहज़ीब से तो प्यासा भी बोलता है !
★★★
मत पूछ उससे-
सूखी रोटी की खुशबू...
जो कभी भूखा सोता है !
★★★
मैंने देखा है....
कई राहों को बदलते हुए
जो अक्सर सीधी चला करती हैं
बच कर रहना इस शहर में नकाब वाले से-
वह अक्सर मीठी बातें बोलकर लूट लिया करते हैं !
★★★
जिंदगी भी अजीब है-
चंद लम्हों में पिछले पन्ने खोल कर रख देती हैं !
नमस्कार दोस्तों !
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