आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, कवयित्री नंदिता तनूजा की असाधारण कविता......
बहुत मुश्किल होता है
समय को पकड़ना
तुम सुन रहे हों
समय जा रहा है
मैं ख़ामोश हूँ
लेकिन तुम जानते हो
बहुत बोलती हूँ
लेक़िन तुम से कभी
लड़ती नहीं हूँ
इसलिए नही कि
तुमसें डरती हूँ
जानती हूँ... जब आओगे
तुम मेरी रुह में समाओगे !
नमस्कार दोस्तों !
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