आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट के प्रस्तुतांक में पढ़ते हैं, सुश्री सुरभि सिंघल रचित अद्वितीय कविता.......
सुश्री सुरभि सिंघल
जिंदगी तक नहीं रुकती
इंसान है क्या ?
कभी पिघलता ही नहीं
तू भगवान है क्या ?
नमस्कार दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं। इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें Email -messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।
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