'मैसेंजर ऑफ़ आर्ट' के आदरणीय पाठकगण को नूतन, नवकोंपल, नवप्रभात, नवीन, नवत्सर, नवनीत, नवोत्पन्न, नवजागरण, नवभ्युदय, नवसंस्कृति, नवोत्थान, नई, नवागंतुक, नवस्फूर्ति, नूतनाशा, नवपेक्षा, नवश्रृंगार, नवरूप, नवरंग, नवरास, नवविनोद, नवलीन नववर्ष 2022 की नवकामनायें। आइये, 2022 की शुरुआत करते हैं, श्रीमान डॉ. सदानंद पॉल के लघु आलेख से.......
डॉ. सदानंद पॉल |
नूतन वर्ष 2022 का स्वागत है, तथापि जब भी अंग्रेजी नववर्ष आते हैं, तो इस नववर्ष के प्रथम दिवस का लोग बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। ज्ञात हो, यह ग्रेगेरियन व अंग्रेजी ईसाइयत कैलेंडर पर आधारित प्रथम दिवस है। भारतीय पंचांग का मूलभाव विक्रमी संवत लिए है, जिनका प्रथम दिवस चैत्र कृष्ण पक्ष प्रथमा है, तो चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शक संवत का प्रथम दिवस है। बांग्ला संवत में संक्रांति के हिसाब से नववर्ष मनाई जाती है, जो पोइला वैशाख कहलाता है, जो कभी 14 अप्रैल, तो कभी 15 अप्रैल को मनाई जाती है। उत्तर भारत में फसली सन संभवत: 13 अप्रैल को प्रथम दिवस के रूप में मनाई जाती है ! कैलेंडर पर गणित लेखक गुणाकर मुले और सदानंद पॉल ने अनथक मेहनत कर सार्थक कार्य किए।
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