आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, कवयित्री किरण यादव की अद्भुत रचना.......
फिर आइने में ख़ुद को सँवारा न जाएगा,
हमसे किसी को अब यूँ पुकारा न जाएगा-
ये उनकी बेवफ़ाई वो एहसान है 'किरन'
जो हमसे सारी उम्र उतारा न जाएगा।
नमस्कार दोस्तों !
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