आइये, मैसेंजर ऑफ़ आर्ट में पढ़ते हैं, सुश्री कल्पना पंत की अद्वितीय रचना.......
सुश्री कल्पना पंत |
दु:ख मिट्टी का था
छुअन सपनीली
बाजरे की रोटी
चांद सी सजीली
दोपहर तपन की थी
भावना सुरीली !
नमस्कार दोस्तों !
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