मैसेंजर ऑफ आर्ट के आदरणीय पाठकगण !
आइये, आज पढ़ते हैं, कवयित्री व लेखिका सुश्री वर्षा रानी की अद्भुत कविता........
कुछ उड़ रहे हैं-
अपनी ही बनाई
सपनिली दुनिया में
जाया कर रहे हैं-
अपना तमाम बेशकीमती वक्त
ठीक उसी वक्त
कुछ समेट रहें
अपनी तमाम ऊर्जा को
ताकि दे सकें-
अपने सपनों को
जुनून की उड़ान।
नमस्कार दोस्तों !
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