आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, श्रीमान सौरभ द्विवेदी की मर्मस्पर्शी कविता........
वो जिस पल
उदास हो जाता है
उस पल
उसे कोई नहीं
नजर आता अपना
कोई अपना हो तो
उदास क्यों होगा ?
हर एक पल
किसी अपने का होना
बेहद जरूरी होता है
ताकि उदास पल
ना जीवन मे आए
ना छाए
इसलिए वो
फैसला लेता है
खुद से खुद के
हो जाओ अपने
जो हर पल संग रहे
उसके संग रहो।
नमस्कार दोस्तों !
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