आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, श्रीमान कमलेश झा की रचना........
जन्मदिवस की मंगल कामना करते हैं तेरे पापा।
प्रभु से प्रार्थना कर मांगते तेरा उज्जवल गाथा।।
माता के तुम लाडले दीदी के तो प्यारे हो।
अपने अग्रज के संग-संग भाभी के दुलारे हो।।
तुम पर जिम्मेदारी घर और परिवार की, क्योंकि तुम हो घर के बड़े चिराग।
चाचा-चाची और अनुजों का रखना है तुमको ख्याल।।
नभ में चांद सूरज सा चमको अपना प्रकाश फैलाओ तुम।
जगत तिमिर को हरकर हीं ज्ञान प्रकाश फैलाओ तुम।।
ध्रुव तारा बन नील गगन में अलग छटा से चमको तुम।
अपने संकल्प पथ पर चलकर राही को राह दिखलाओ तुम।।
राम जैसे अनुकरणीय छवि बनाकर रणधीर कहलाओ तुम।
लक्ष्मण जैसे सहचर बनकर धर्म ज्ञान फैलाओ तुम।।
धर्मराज सा धीर बनो अर्जुन जैसे साधक तुम।
लक्ष्य चाहे जो भी हो वेध कर ही आओ तुम।।
न्याय और सत्य के पथ पर चलकर एक अच्छा इंसान बनो।
जरूरतमंद और वेवश का मदद कर अपना जीवन धन्य करो एल।।
बाबा तेरे स्वर्ग में बैठे दे रहे हैं शुभ आशीष।
पोता मेरा गुणी ज्ञानी हो यही दे रहे तुमको आशीष।।
ईश्वर करे तुम कल्पतरु सा चारों दिशा में फैलो।
अपने आश्रितों को के लिए तुम कल्प वृक्ष सा बरसो।।
तुमसे आशा बहुतों की तुम अच्छा कर दिखलाओ।
मेरी बस इतनी सी चाहत एक सच्चा इंसान बन जाओll
नमस्कार दोस्तों !
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