मैसेंजर ऑफ आर्ट के प्रस्तुतांक में पढ़ते हैं, कवयित्री सुश्री सोनल ओमर जी की फ़ेसबुक वॉल से साभार ली गयी अनुपमेय कविता-कृति.....
सुश्री सोनल ओमर
बीते हुए लम्हों को, खुशियों में सँवार देती हूँ-
ख्वाहिशों को, अपने वक्त के साथ गुजार देती हूँ !
नहीं मिलता जब सुकून कहीं पर तो-
अपने गमों को बस कागज पर उतारा देती हूँ !
नमस्कार दोस्तों !
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