आइये, मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, लेखक, कवि और सामाजिक कार्यकर्त्ता श्रीमान नवनीत मोदी 'निःशब्द' की रचना........
खामोश रहो तो खुश होते चाटुकार-
जुबां खोलो तो चिल्लाने लगते चाटुकार।
नमस्कार दोस्तों !
'मैसेंजर ऑफ़ ऑर्ट' में आप भी अवैतनिक रूप से लेखकीय सहायता कर सकते हैं । इनके लिए सिर्फ आप अपना या हितचिंतक Email से भेजिए स्वलिखित "मज़ेदार / लच्छेदार कहानी / कविता / काव्याणु / समीक्षा / आलेख / इनबॉक्स-इंटरव्यू इत्यादि"हमें Email-messengerofart94@gmail.com पर भेज देने की सादर कृपा की जाय।
0 comments:
Post a Comment