आज मैसेंजर ऑफ आर्ट में पढ़ते हैं, श्रीमान त्रिलोक नाथ पांडेय रचित कविता.......
श्रीमान त्रिलोक नाथ पांडेय |
कल शाम बुद्ध आये-
साथ में एक चेला भी लाये।
ये लोग पौधों का आधार बनेंगे।
काश, कोई बोधिवृक्ष उग जाय-
हमारे अँगने में, हमारे जीवन में।
फिर किसी बुद्ध को जंगल न जाना पड़े-
अपनी यशोधरा संग हँसते-खेलते
वह बुद्धत्व पा जायँ, काश !
नमस्कार दोस्तों !
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